
अर्थ और सिद्धि दोनों ही डाइनिंग टेबल पर अपना खाना एंजॉय कर रहे थे । सिद्धि खाना खाते हुए अर्थ को ही डेविल स्माइल के साथ घूरते हुए खाना खा रही थी । कुछ तो उसके दिमाग में चल रहा था जिससे वो डेविल स्माइल कर रही थी । अर्थ भी जानता था कि सिद्धि उसे घूर रही है । जब काफी समय तक वो घूरती रहती है तो अर्थ इरिटेट होकर कहता है , " ये उल्लू की तरह क्यों घूर रही हो जान । मुझे कुछ गड़बड़ का एहसास हो रहा है । "
सिद्धि उसी डेविल स्माइल के साथ कहती है , " क्यों अब अपने पति को घूरने के लिए भी मुझे परमिशन चाहिए । "

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