
पूरा दिन ऐसे ही निकल जाता है । अर्थ पूरे दिन अपनी क्लासेज में बिजी था तो सिद्धि दर्द के मारे गहरी नींद में सो रही थी लेकिन नींद में भी उसके चेहरे पर दर्द साफ साफ झलक रहा था । करीब 5 बजे कॉलेज खत्म होने के बाद अर्थ अपने केबिन में वापस आता है तो सिद्धि को देखकर उसको एक सुकून मिलता है । अब तक अर्थ का गुस्सा शांत हो चुका था ।
अर्थ सिद्धि को सोते हुए ही अपनी बाहों में उठा लेता है और सीधे अपनी कार में बैठकर कॉलेज से घर के लिए निकल जाता है । जब वो आधे रस्ते में थे तब ही सिद्धि उठ चुकी थी और उसने अर्थ की शर्ट पहनी हुई थी । अर्थ अपनी ड्राइविंग पर पूरा फोकस्ड था इसलिए उसे पता ही नहीं चला कि सिद्धि उठ चुकी थी ।

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