
सिद्धि जल्दी से जाकर अर्थ को गले लगा लेती है और कहती है , " ओह अर्थ तुम आ गए मुझे लेने । मैंने इन 2 सालों में हर दिन , हर पल तुम्हे याद किया है । ये चार दिवारी मेरी तुम्हारे लिए दीवानगी का सुबूत हैं। I miss you so much my love " कहकर अर्थ को ओर जोर से हग कर लेती हैं। लेकिन अर्थ के हाथ अब भी बिल्कुल सीधे थे । उसने सिद्धि को गले नहीं लगाया हुआ था ।

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